प्रश्न 6.
निम्नलिखित पर विचार कीजिए तथा इन्हें सही कालानुक्रम में, सबसे पहले से लेकर अंतिम तक व्यवस्थित कीजिए:
I. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना
II. भारत में जी.एस.टी. की शुरुआत
III. भारत में सामाजिक बैंकिंग की शुरुआत
IV. भारत में नाबार्ड की स्थापना
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) I, III, II, IV
(b) I, II, IV, III
(c) III, IV, II, I
(d) I, III, IV, II
सही उत्तर: (d) I, III, IV, II
व्याख्या (सही क्रम):
प्रथम पंचवर्षीय योजना → 1951
सामाजिक बैंकिंग (राष्ट्रीयकरण) → 1969
नाबार्ड की स्थापना → 1982
जी.एस.टी. → 1 जुलाई 2017
सही विकल्प है (d) I, III, IV, II।
यह कालानुक्रमिक क्रम घटनाओं की सही तिथियों पर आधारित है:
I. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना: यह अप्रैल 1951 से मार्च 1956 तक चली।
III. भारत में सामाजिक बैंकिंग की शुरुआत: यह 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद एक प्रमुख नीतिगत पहल के रूप में उभरी।
IV. भारत में नाबार्ड की स्थापना: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की स्थापना 1982 में हुई।
II. भारत में जी.एस.टी. की शुरुआत: वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया।
प्रश्न 7.
जिस बौद्ध ग्रंथ में 16 (षोडश) महाजनपदों के नामों का उल्लेख है, उसका नाम है:
(a) अंगुत्तर निकाय
(b) बुद्धचरित
(c) सुत्त निपात
(d) ललितविस्तर
सही उत्तर: (a) अंगुत्तर निकाय
व्याख्या: अंगुत्तर निकाय (Anguttara Nikaya) में स्पष्ट रूप से 16 महाजनपदों की सूची दी गई है।
क्योंकि इसी बौद्ध ग्रंथ (जो सुत्त पिटक का हिस्सा है) में 16 (षोडश) महाजनपदों के नामों का उल्लेख मिलता है, साथ ही जैन ग्रंथ भगवती सूत्र और महायान बौद्ध ग्रंथ महावस्तु में भी इनका उल्लेख है, लेकिन दिए गए विकल्पों में अंगुत्तर निकाय सही है.
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं:
बुद्धचरित: यह अश्वघोष द्वारा रचित बुद्ध के जीवन पर आधारित एक महाकाव्य है, जिसमें महाजनपदों का विशेष उल्लेख नहीं है.
सुत्त निपात: यह भी बौद्ध ग्रंथ है, लेकिन 16 महाजनपदों की सूची के लिए अंगुत्तर निकाय अधिक प्रासंगिक है.
ललितविस्तर: यह भी बौद्ध ग्रंथ है, लेकिन इसमें महाजनपदों की सूची का उल्लेख नहीं है.
अतिरिक्त जानकारी:
अंगुत्तर निकाय (Anguttara Nikaya) पाली त्रिपिटक का हिस्सा है और इसमें बुद्ध के उपदेशों को संख्यात्मक क्रम में व्यवस्थित किया गया है.
यह ग्रंथ (अंगुत्तर निकाय) और जैन ग्रंथ भगवती सूत्र, दोनों ही 16 महाजनपदों के संदर्भ के लिए महत्वपूर्ण हैं.
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन-से तीन भारतीय राज्य बड़े राज्यों की श्रेणी में राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउण्ड-1 (2022) में शीर्ष स्थान पर रहे?
(a) उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात
(b) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब
(c) मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश
(d) गुजरात, केरल और पंजाब
सही उत्तर: (d) गुजरात, केरल और पंजाब
व्याख्या: NITI आयोग के State Energy & Climate Index (SECI) Round-1 (2022) में बड़े राज्यों की श्रेणी में टॉप-3 रहे:
- गुजरात
- केरल
- पंजाब
नीति आयोग के राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक (SECI) राउंड-1 (2022) में, बड़े राज्यों की श्रेणी में गुजरात, केरल और पंजाब ने शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में स्थान हासिल किया।
Why other options are incorrect:
(a) उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात: जबकि गुजरात शीर्ष पर था, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश शीर्ष तीन में नहीं थे।
(b) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब: पंजाब शीर्ष तीन में था, लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पर नहीं थे (उत्तराखंड एक “अग्रणी धावक” था, लेकिन शीर्ष तीन में नहीं)।
(c) मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश: मध्य प्रदेश वास्तव में सबसे नीचे प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक था, जबकि हिमाचल प्रदेश और राजस्थान भी शीर्ष तीन में शामिल नहीं थे।
प्रश्न 9.
नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) के रूप में चिह्नित किया गया है।
अभिकथन (A): चक्रवाती स्थितियाँ शीतकाल में तब बनती हैं जब वायुमंडलीय दाब उच्च होता है और वायु ताप निम्न होता है।
कारण (R): उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा से निम्न ताप वाली प्रतिचक्रवाती स्थितियाँ पैदा होती हैं।
नीचे दिए गए विकल्पों का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) (A) सत्य है, परंतु (R) असत्य है।
(b) (A) और (R) दोनों सत्य हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) असत्य है, परंतु (R) सत्य है।
(d) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
सही उत्तर: (c)
(A) असत्य है, परंतु (R) सत्य है, क्योंकि शीतकाल में उच्च दाब और निम्न ताप चक्रवाती नहीं, बल्कि प्रतिचक्रवाती (anticyclonic) स्थितियाँ बनाते हैं, और उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा (पश्चिमी विक्षोभ से) भी निम्न ताप वाली प्रतिचक्रवाती परिस्थितियों से ही जुड़ी होती है, जिससे अभिकथन (A) गलत है और कारण (R) सही है।
विश्लेषण:
अभिकथन (A): यह कथन गलत है। शीतकाल में जब वायु ठंडी होती है, तो वह संकुचित होकर भारी हो जाती है और सतह पर उच्च दाब का क्षेत्र बनाती है। हवा का उच्च दाब से निम्न दाब की ओर बहना (जो चक्रवात का लक्षण है) नहीं, बल्कि उच्च दाब से दूर हटना होता है, जिससे प्रतिचक्रवाती (उच्च दाब) स्थितियाँ बनती हैं, जहाँ हवा नीचे उतरती है और मौसम साफ रहता है।
कारण (R): यह कथन सत्य है। उत्तर भारत में शीतकाल में होने वाली वर्षा (पश्चिमी विक्षोभ के कारण) अक्सर निम्न तापमान और उच्च वायुमंडलीय दबाव वाली प्रतिचक्रवाती परिस्थितियों के साथ आती है, जिससे ठंडी और नम हवाएँ नमी लेकर आती हैं और वर्षा होती है।
दी गई जानकारी प्रति-चक्रवाती (Anti-cyclonic) स्थितियों के बारे में है, न कि चक्रवाती स्थितियों के बारे में, क्योंकि शीतकाल में उच्च वायुदाब और निम्न तापमान प्रति-चक्रवात (उच्च दाब प्रणाली) बनाते हैं, जो शांत, शुष्क मौसम लाते हैं, जबकि चक्रवात निम्न दाब और गर्म हवा से बनते हैं और अक्सर तूफानी मौसम लाते हैं.
सही जानकारी:
प्रति-चक्रवात (Anti-cyclone): शीतकाल में ठंडी, सघन हवा के कारण उच्च वायुमंडलीय दाब और निम्न तापमान की स्थिति बनती है, जिससे प्रति-चक्रवात (उच्च दाब प्रणाली) विकसित होते हैं, जो शांत और साफ मौसम देते हैं.
चक्रवात (Cyclone): ये तब बनते हैं जब गर्म, नम हवा ऊपर उठती है, जिससे केंद्र में निम्न दाब बनता है और आसपास से हवाएँ केंद्र की ओर बहती हैं, जिससे तूफानी और वर्षा वाला मौसम आता है.
संक्षेप में:
उच्च दाब + निम्न तापमान (शीतकाल) = प्रति-चक्रवात (शांत मौसम).
निम्न दाब + उच्च तापमान (गर्म समुद्री जल) = चक्रवात (तूफानी मौसम).
उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा (जिसे ‘मावठ’ भी कहते हैं) निम्न ताप वाली प्रतिचक्रवाती (उच्च दाब) स्थितियों से जुड़ी है, जो वास्तव में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) नामक भूमध्यसागरीय निम्न दाब प्रणालियों के कारण आती हैं, लेकिन ये विक्षोभ जब आते हैं, तो अपने साथ नमी लाते हैं, और इन विक्षोभों के गुजरने के बाद ही ठंडी हवाएं और उच्च दाब (प्रतिचक्रवात) की स्थिति बनती है, जिससे शीतकाल में तापमान गिरता है और कोहरा व पाला पड़ता है।
मुख्य बिंदु:
पश्चिमी विक्षोभ: ये मूल कारण हैं, जो भूमध्यसागर से नमी लेकर आते हैं और उत्तर-पश्चिमी भारत में वर्षा कराते हैं।
उच्च दाब/प्रतिचक्रवात: ये विक्षोभों के जाने के बाद या उनके साथ मिलकर विकसित होते हैं, जिससे वातावरण स्थिर, शुष्क और ठंडा हो जाता है, और अक्सर कोहरा या पाला पड़ता है।
तापमान: शीतकाल में कम तापमान के कारण ही ये उच्च दाब प्रणालियाँ बनती हैं, जिससे उत्तरी मैदानों में ठंड बढ़ती है, खासकर पंजाब और राजस्थान में।
प्रश्न 10.
कौन-सा भारतीय शहर 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा?
(a) नई दिल्ली
(b) मुंबई
(c) भोपाल
(d) अहमदाबाद
सही उत्तर: (d) अहमदाबाद
व्याख्या: 3 जुलाई 2025 को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने आधिकारिक घोषणा की कि अहमदाबाद (गुजरात) 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन करेगा।
प्रश्न 11.
परिसीमन आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
I. परिसीमन आयोग के आदेशों को किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
II. परिसीमन आयोग के आदेश जब लोक सभा अथवा राज्य विधान सभा के समक्ष रखे जाते हैं, तब उन आदेशों में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल II
(b) न तो I न ही II
(c) I और II दोनों
(d) केवल I
सही उत्तर: (c) I और II दोनों
व्याख्या:
अनुच्छेद 329(a) के तहत परिसीमन आयोग के आदेश को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती।
संसद या विधानसभा में भी उसके आदेश में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। दोनों कथन पूर्णतः सही हैं।
क्योंकि परिसीमन आयोग के आदेशों को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती और जब ये लोकसभा या विधानसभा के सामने रखे जाते हैं, तो इनमें संशोधन की अनुमति नहीं होती है, वे केवल ‘रखे’ जाते हैं और कानून बन जाते हैं, यह दोनों कथन सही हैं और परिसीमन आयोग एक शक्तिशाली, स्वतंत्र निकाय है जिसके निर्णय अंतिम होते हैं।
कथनों का विश्लेषण:
कथन I: परिसीमन आयोग के आदेशों को किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
यह कथन सही है। संविधान के अनुच्छेद 329(a) के तहत, परिसीमन से संबंधित किसी भी कानून या आदेश को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। परिसीमन आयोग के आदेशों को कानूनी बल प्राप्त होता है और वे अंतिम होते हैं, यह चुनाव प्रक्रिया में देरी से बचने के लिए है।
कथन II: परिसीमन आयोग के आदेश जब लोक सभा अथवा राज्य विधान सभा के समक्ष रखे जाते हैं, तब उन आदेशों में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है।
यह कथन भी सही है। परिसीमन आयोग के आदेशों को लोकसभा या संबंधित राज्य विधानसभा के समक्ष रखा जाता है, लेकिन इन आदेशों में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है; वे केवल ‘रखे’ जाते हैं और कानून बन जाते हैं, यह इस प्रक्रिया की अंतिम प्रकृति को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
दोनों कथन सही हैं, इसलिए सही विकल्प (c) I और II दोनों है।