Q. प्राचीन जैन और बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, कितने महाजनपद थे?
(A) सोलह
(B) बारह
(C) चौदह
(D) दस
Answer: A
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आरम्भिक बौद्ध तथा जैन ग्रंथों में इनके बारे में अधिक जानकारी मिलती है। यद्यपि कुल सोलह महाजनपदों का नाम मिलता है पर ये नामाकरण अलग-अलग ग्रंथों में भिन्न-भिन्न हैं। इतिहासकार ऐसा मानते हैं कि ये अन्तर भिन्न-भिन्न समय पर राजनीतिक परिस्थितियों के बदलने के कारण हुआ है। इसके अतिरिक्त इन सूचियों के निर्माताओं की जानकारी भी उनके भौगोलिक स्थिति से अलग हो सकती है।
मामल्लापुरम उत्सव” निम्नलिखित में से किस राज्य का त्योहार है?
बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय, महावस्तु में 16 महाजनपदों का उल्लेख है। जैन ग्रंथ में भी इनका उल्लेख है,जो इस तरह है;
- काशी
- कोशल
- अंग (अङ्ग)
- मगध
- वज्जि
- मल्ल
- चेदि
- वत्स
- कुरु
- पांचाल (पञ्चाल)
- मत्स्य (या मछ)
- शूरसेन/शूरसैनी (शौरसेनी)
- अश्मक
- अवन्ति
- गांधार
- कंबोज (या कम्बोज)
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ( मुख्य परिसर) निम्नलिखित में से कहाँ स्थित है?